लखनऊ: जिंदगी और मौत के बीच जूझ रही हादसे में घायल उन्नाव रेप पीड़िता को लेकर पूरे देश में रोष है। हर तरफ पीड़िता और उसके परिवार को न्याय दिलाने की मांग है। ये मांगें शायद पहले ही पूरी हो जातीं अगर समय रहते स्थानीय पुलिस और प्रशासन ने पीड़िता के परिवार की शिकायतों पर ध्यान दिया होता। उन्नाव गैंगरेप पीड़िता के परिवार ने पिछले एक साल में 35 बार स्थानीय पुलिस और प्रशासन को लिखित रूप से विधायक और उनके आदमियों से खतरा होने के डर के बार में बताया था। पीड़िता के एक रिश्तेदार के मुताबिक, परिवार ने आशंका जताई थी कि गैंगरेप में आरोपी बीजेपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर उनको निशाना बना सकते हैं। उन्होंने पुलिस और प्रशासन से लिखित शिकायत की लेकिन उनकी ओर से सालभर में कोई कार्रवाई नहीं हुई।
रेप पीड़िता के रिश्तेदार के मुताबिक पिछले साल सीबीआई द्धारा मामले की जांच शुरू होने के बाद से ही परिवार डर के साए में जी रहा है। उन्हें जान से मारे जाने की धमकी मिली। डर इतना ज्यादा था कि उन्होंने उन्नाव जिले के माखी स्थित अपने घर को भी छोड़ दिया। उधर, उन्नाव के एसपी एमपी वर्मा ने स्वीकारा कि पुलिस को 33 शिकायतें मिली थीं लेकिन उन्में कोई दम नजर नहीं आया इसलिए उन पर ध्यान नहीं दिया गया।
लखनऊ जोन के एडीजी राजीव कृष्ण का कहना है कि पिछले एक साल में भजी गई शिकायतों की दोबारा जांच होगी। अगर जिला पुलिस के किसी अधिकारी की लापरवाही सामने आई, तो उसके खिलाफ कार्रवाई होगी। उन्होंने कहा कि लखनऊ रेंज के आईजी एसके भगत को उन्नाव जिले भेजा गया था ताकि परिवार की सभी शिकायतों की फिर से जांच की जा सके।
वहीं पीड़िता के रिश्तेदार का कहना है कि सेंगर के आदमी सुरक्षाकर्मियों की मौजूदगी में भी आते थे और धमकी देते थे। इसकी वीडियो पुलिस को दिखायी गई थी लेकिन माखी के एसएचओ ने मामला दर्ज नहीं किया। सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस को भी पत्र लिखकर मामले से अवगत कराया गया था मगर इसके बाद भी कार्रवाई नहीं हुई।
गैंगरेप पीड़िता के एक्सीडेंट से कुछ दिन पहले ही उसके परिवार वालों ने चीफ जस्टिस रंजन गोगोई को पत्र लिखकर आरोपियों की धमकी और उनसे होने वाले खतरों से अवगत कराया था। यह पत्र 12 जुलाई को लिखा गया था। इस पत्र को इलाहाबाद उच्च न्यायालय और उत्तर प्रदेश सरकार के अन्य प्राधिकारियों को भेजा गया है। पत्र के अनुसार 7 जुलाई को बलात्कार मामले में एक आरोपी के बेटे नवीन सिंह, विधायक की करीबी शशि सिंह, अन्य आरोपी मनोज सिंह और कन्नू मिश्रा उनके घर आए थे और उन्हें धमकी दी थी। इसके अगले दिन एक अन्य व्यक्ति भी उनके घर आया था। पीड़ित और उसके परिवार ने कहा कि पत्र के साथ उस कार का विडियो भी संलग्न किया गया था, जिसमें ये लोग उनके घर आए थे। पत्र में उन्हें धमकी देने वाले व्यक्तियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया। पत्र पर पीड़ित, पीड़िता की मां और चाची के हस्ताक्षर हैं।