पटना:बिहार में सुशासन का राज है। मतलब कानून का राज़ है। लेकिन ज़मीनी हक़ीक़त कुछ और ही कहानी बयान करती है। बेलगाम अपराधियों के कहर से सूबा कराह रहा है। वही दूसरी तरफ प्रदेश की जेलो में बंद कैदियों को अब किसी भी तरह का भय नहीं बल्कि कारागार उनके सुरक्षित ,मनोरंजन और आराम की ऐशगाह के तौर पर तब्दील हो चुके है। ये हम नही कह रहे बल्कि तमाम वायरल वीडियो इस कि मुनादी कर रहे है। हद तो ये की सुशासन की नाक के नीचे स्थित आदर्श केंद्रीय कारा बेउर का सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा वीडियो इस बात की तस्दीक कर रहा है। इस वीडियो में बेउर जेल में बंद एक सजायाफ्ता कैदी बाकायदा अपने वार्ड में बिस्तर पर लेट कर स्मार्टफोन का उपयोग कभी नेट सर्फिंग ख़ातिर तो कभी अपने जेल के बाहर के स्वजन परिजन और गुर्गों से बातचीत करते हुए नजर आ रहा हैं।
यही नहीं हत्या के एल मामले में सजायाफ्ता एक दबंग कैदी बेड पर बिना किसी भय के पुरसुकून अंदाज़ में लेट कर न केवल मोबाइल पर बात करता दिख रहा है बल्कि एक बंदी कुख्यात का पाव दबाता भी स्पष्ट दिखाई दे रहा है। पहले आप यह वीडियो देखिये फिर इसके किरदारों के नाम पता और वार्ड संख्या भी आप से साझा करते हैं। आइए अब आपका तारूफ़ करवाते है पुरसुकून अंदाजे में बिना किसी भय के आदर्श केंद्रीय कारा बेऊर के गोदावरी खंड के 2/20 के अपने बेड पर लेटकर पूरी दबंगता के साथ फ़ोन पर बतियाते जनाब का नाम बिल्ला राय के तौर पर तस्दीक किया जा रहा है। पटना के आदर्श केंद्रीय कारा बेउर जेल प्रशासन का दावा है कि जेल परिसर में मोबाइल नही है। लेकिन हकीकत ठीक इसके उलट है।
क्या आम क्या खास क्या दबंग क्या कुख्यात सभी अमूमन मोबाइल का इस्तेमाल पूरी बेफिक्री से करते है। खैर, बात करते है वायरल वीडियो में दिख रहे माहौल की तो प्रतीत होता है कि जेेल में कैदी सज़ा नही मज़ा काट रहे है। बिल्ला राय काफी लंबे अरसे से बेउर जेल में अपने सगे भाई मनु राय के साथ कैद है। मूल रूप से राजधानी के दीघा स्थित बाटा मोड़ का रहने वाला यह अपराधी एक हत्याकाण्ड में अपने भाई के साथ सजायाफ्ता है। इसकी दबंगता का आलम यह है कि वार्ड में इसने माहौल ऐसा बना रखा है जैसे जेल का वार्ड नहीं इसकी मिलकियत की निजी ऐशगाह हो।